Top Guidelines Of shiv chalisa in hindi

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

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अर्थ- हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमददेवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

Shiv chaisa श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ

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